Sunday, November 3, 2019

अस्तित्व मूलक मानव केन्द्रित चिंतन सहज मध्यस्थ दर्शन (सहअस्तित्ववाद) परिभाषा संहिता - इ-ई


अस्तित्व मूलक मानव केन्द्रित चिंतन सहज मध्यस्थ दर्शन (सहअस्तित्ववाद)

परिभाषा संहिता                                           

इंगित               - स्पष्ट हुआ।
इन्द्रिय             - इच्छानुसार द्रवित संचालित होने वाला अंग  -  प्रत्यंग ज्ञानेन्द्रिय कर्मेन्द्रिय।
इन्द्रिय सन्निकर्ष - इन्द्रियों से इन्द्रियों या वस्तुओं का योग।
इन्द्रिय ज्ञान    - संवेदनाओं का स्वीकार सहज प्रकाशन।
इन्द्रिय संवेदना   - शब्द स्पर्श रूप, रस, गंधेन्द्रियों में संपादित होने वाली अथवा संपन्न होने वाली क्रिया ।
इन्द्रिय सापेक्ष- संवेदनाओं की अपेक्षा में।
इन्द्रियातीत  - सुख, शांति, संतोष, आनंद, समाधान, समृद्धि, अभय, सहअस्तित्व, न्याय, धर्म, सत्य मूल्य, मूल्यांकन।
इकाई              - छः ओर से सीमित रचना अथवा पदार्थ।
इच्छा              - विश्लेषणात्मक प्रकाशन  -  अपेक्षा सहित चित्रण क्रिया । - दर्शन एवं उसके प्रकटन की संयुक्तचिंतन क्रिया ।
इच्छानुसार     - विश्लेषण और अपेक्षा के अनुसार।
इच्छाबंधन      - भ्रमित इच्छाओं की अपेक्षा  -  समस्त क्लेश
इच्छुक             - अपेक्षाओं का स्पष्टीकरण।
इति                 - फल परिणाम संपन्नता।
इतिहास          - इंगित अपेक्षित फल परिणामों का काल निबंध परम्परा का आंकलन।
                        - विगत की कृतियों एवं घटनाओं का श्रृंखलाबद्ध किया गया आंकलन।

इत्सित             - अपेक्षा सहित तीव्र इच्छा।
इष्ट                   - भ्रम मुक्ति, सुख, शांति, संतोष, आनंद और समाधान समृद्धि अभय सहअस्तित्व सहज प्रमाण।
                        - पूर्णता (जीवन में जागृतिपूर्वक पूर्णता यथा क्रिया पूर्णता, आचरणपूर्णता तथा समृद्धि, अभय सुलभता)
इष्टानुवर्ती        - अखण्डता व सार्वभौम व्यवस्था क्रम में परिवर्तित कार्यरत और व्यवहार।
इष्टानुषंगी       - सर्वशुभ के नियमों के अनुसार।

ईंधन    - इच्छानुसार पव तपन भस्म और दहन गलन क्रिया  संपन्न होने के लिए प्रयुक्त वस्तु।
ईक्षण  - सहअस्तित्व में रूप गुण स्वभाव, धर्म की पहचान।
                        - जीवन प्रकाश में दृश्य स्पष्ट होने हेतु किया गया क्रिया कलाप।
ईश्वर    - ऐश्वर्य संपन्न सर्वत्र विद्यमान सर्व सुलभता की पहचान।
ईश्वरज्ञता        - ईश्वर ज्ञान अर्थात सह-अस्तित्व दर्शन ज्ञान संपन्न।
ईमानदारी       - समझदारी के अनुरूप निर्णय लेने की और प्रस्तुत होने करने की क्रिया  प्रणाली।
ईर्ष्या    - पदोन्नति विरोधी मानसिकता, द्वेष, भ्रमित मानसिकता।
ईष्णात्रय         - पुत्रेषणा / जनबल, वित्तेषणा / धनबल, लोकेषणा / यश बल कामना।
ईप्सा  - एषणा के प्रति पिपासा।
ईप्सित             - इच्छा के अनुरूप प्राप्त, प्राप्तियाँ।

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