Monday, August 17, 2020

सहअस्तित्व में होना-रहना

 सहअस्तित्व में होना-रहना

शब्द, परिभाषाएं
    से अर्थ होता स्पष्ट,
सहअस्तित्व में,
    वस्तु सदा प्रकट ।1।
स्थिति-गति का
    सह-अस्तित्व,
होना-रहना,
    नित्य है वर्तमान ।2।
क्रियाशून्यता-क्रिया 
    का सहअस्तित्व,
नित्य-निरंतर 
    शाश्वत जान ।3।
व्यापक वस्तु में,
    एक-एक वस्तु,
ब्रह्म वस्तु में,
    प्रकृति विराट ।4।
पारगामी-पारदर्शी
    है व्यापक वस्तु
समझना-समझना
    इसका प्रमाण ।5।
पारदर्शी संबंध में
    न्याय पारगामिता
सहअस्तित्व सहज
    समझ पहचान ।6।
ब्रह्म चेतना,
    प्रकृति दो रूप,
जड़-चैतन्य,
    सहअस्तित्व है रूप ।7।
जड़ में होती,
    ऊर्जा संपन्नता,
चैतन्य में होती,
    ज्ञान संपन्नता जान।8।
साम्य ऊर्जा,
    व्यापक है जान,
ज्ञान संपन्नता,
   चैतन्य की पहचान ।9।
मानव शरीर-जीवन
    का संयुक्त रूप,
सह-अस्तित्व का 
    यही है प्रतिरूप ।10।
सह-अस्तित्व में
    क्रिया का दर्शन,
ज्ञान संपन्नता
    जीवन में अनुभव ।11।
व्यापक शून्य में,
    जड़-चेतन की सत्ता,
सहअस्तित्व में
   सत्तामयता भाव ।12।
 सत्ता संपृक्तता 
    नियम है जान,
व्यवहार क्रिया में 
    न्याय पहचान ।13।
विचार क्रिया में 
    समाधान की सत्ता 
अनुभव क्रिया 
    सत्य पहचान ।14।
नियम, न्याय, धर्म, 
    सत्य की व्यापकता, 
जीवन में होती 
    ज्ञान पहचान ।15।
व्यवहार में विवेक,
    व्यवसाय में विज्ञान,
ज्ञान-विवेक-विज्ञान 
   आचरण पहचान ।16।
ब्रह्म वस्तु में 
    स्वयं का होना,
रहना नित्य-निरंतर
    सहअस्तित्व पहचान ।17।
विश्वास-प्रेममयता
    परिवार-समाज संबंध में, 
 मूल्य, मूल्यांकन, निर्वाह में
    उभय तृप्ति पहचान।18।

*सुरेन्द्र पाठक*
16 अगस्त, 2020

No comments:

Post a Comment